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पानी केरा बुदबुदा, अस मानुस की जात एक दिना छिप जाएगा, ज्यों तारा प्रभात।। अर्थ : कबीर का कथन है कि जैसे पानी के बुलबुले, इसी प्रकार मनुष्य का शरीर क्षणभंगुर ...